महादेव मंदिर खारुन नदी के तट पर होने की वजह से महादेव घाट के नाम से प्रसिद्ध है। महादेव की आराधना उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक हर कस्बे में होती है. देशभर में अलग अलग तरीके से भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है. कई मंदिरों में महादेव की आराधना और स्थापना के लिए कई मान्यताएं हैं. इसमें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सैकड़ों साल पुराना हटकेश्वर महादेव मंदिर है जहां की मान्यताएं जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
Mahadevghat Raipur : छत्तीसगढ़ का मिनी काशी
मंदिर में शिवलिंग स्थापना को लेकर एक और मान्यता लोकप्रिय मानी जाती है. इसमें कहा जाता है कि खारुन नदी को द्वापर युग में द्वारकी नदी के नाम से जाना जाता था. बताया जाता है कि महाकौशल प्रदेश के हैहयवंशी राजा ब्रह्मदेव जब नदी किनारे स्थित घने जंगल में शिकार करने आए थे तब नदी में बहता पत्थर का शिवलिंग दिखा जिसकी उन्होंने स्थापना की है. इससे अलग और भी मान्यताए हैं जो लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं. इसमें बताया गया है कि 1400 ईसवी में कल्चुरी शासक भोरमदेव के पुत्र राजा रामचंद्र ने इसका निर्माण करवाया है.
Mahadevghat Raipur : छत्तीसगढ़ का मिनी काशी
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आपको घुमने के लिए कई सारी जगह मिल जाएगी जहा आप घुमने जा सकते है लक्ष्मण झूले की जिसका लोकार्पण 3 मई 2018 को तत्कालिक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिह द्वारा किया गया | यह एक सस्पेंशन ब्रिज है जिसे खारुन नदी के तट पर बनाया गया है I
Mahadevghat Raipur : छत्तीसगढ़ का मिनी काशी
इस सस्पेंशन ब्रिज को करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। जिस पर चलते हुए झूले में चलने का अहसास होता है। ब्रिज के साथ ही नदी के किनारे गार्डन का निर्माण भी किया गया है जहा पुल से उतर कर लोग सीधे गार्डन में प्रवेश कर सकते है। यह लक्ष्मण झूला रायपुर के साथ-साथ दुर्ग जिले के लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।