Hanuman Jayanti 2025 : इस उपाय से प्रसन्न होंगे हनुमान जी !
PUBLISHED BY – LISHA DHIGE
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Hanuman Jayanti 2025 : माना जाता है की कलयुग में एक ही जीवित देवता हैं हनुमान। चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी पर प्रभु श्री राम जन्मे, पूर्णिमा पर हनुमान जन्मे। भगवान हनुमान से जो हमें सीखना चाहिए, वो है निर्भय रहने की कला। हनुमान विश्वास के देवता माने जाते हैं। पर विश्वास दोनों तरह से हो। परमात्मा पर भी, खुद पर भी। बाहर भी, भीतर भी। भरोसा ही एकमात्र ऐसी चीज है जो सूर्य को मुंह में रख लेने से लेकर समुद्र लांघने तक के काम करवा लेता है।
बताया जाता है की इंसान के जीवन में तीन भाव होते हैं, पहला हर्ष, दूसरा शोक और तीसरा भय। हर्ष यानी खुशी, शोक यानी दुःख, भय का मतलब डर। डर ही सफलता के रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट बनती है। डर असफलता का भी कारण होता है, सफलता को बरकरार रखने का भी, भय बाहरी भी होता है, भीतर का भी। डर चाहें कोई भी हो, ये हमें जिंदगी में आगे बढ़ने से रोकता है। आप भगवान हनुमान से सीखें कैसे अपने ऊपर डर को हावी होने से रोका जाता है।
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समय कम हो और काम ज्यादा तो बल का प्रयोग करें Hanuman Jayanti 2025
जब हनुमान जी समुद्र लांघकर लंका पहुंचे। तो लंका के मुख्य दरवाजे पर राक्षसी मिली जिसका नाम लंकिनी था रात्रि का समय था तो हनुमान छोटे रूप में लंका में घुसे। उन्हें लंकिनी ने रोक लिया, और परिस्थिति दूसरी थी की रात के समय लंका में चुपचाप घुसा जा सकता था हनुमान ने लंकिनी से कोई वाद-विवाद नहीं किया। सीधे ही उस पर प्रहार कर दिया। लंकिनी ने रास्ता छोड़ दिया।
जब मंजिल के करीब हों, समय का अभाव हो और परिस्थितियों की मांग हो तो बल का प्रयोग अनुचित नहीं है। हनुमान ने एक ही रास्ते में आने वाली दो समस्याओं को अलग-अलग तरीके से निपटाया।Hanuman Jayanti 2024 जहां झुकना था वहां झुके, जहां बल का प्रयोग करना था, वहां वो भी किया। सफलता का पहला सूत्र ही ये है कि बल और बुद्धि का हमेशा संतुलन होना चाहिए। दोनों में से एक ही हो तो फिर सफलता दूर रहेगी।
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