Bhai Dooj 2023 : जानें भाई दूज का शुभ मुहूर्त,शुभ समय !
PUBLISHED BY – LISHA DHIGE
Table of Contents
भारत देश में प्रेम के रिश्ते बहुत मायने रखते हैं, कई पौराणिक कथाओं का मानना है, कि भाई बहन का रिश्ता सदैव एक दुसरे में प्राण न्यौछावर के लिए तैयार रहता हैं. भाई दूज की कथा में भी कुछ ऐसी ही रोचक कहानी हैं, जिसमे बहन अपने भाई की सारी विपत्तियों का सामना स्वयं करती है. तथा भाई बहन का रिश्ता काफी पवित्र होता है, बहना हमेशा ही अपने भाई की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करती हैं और बदले में उससे कुछ नहीं मांगती. ऐसा ही हैं यह भाई दूज का पर्व. इसलिए इस दिन को यम द्वितीया भी कहते है.
भाई बहन के प्यार के रिश्ते इन त्यौहारों से और भी अधिक गहरे हो जाते हैं. ऐसा ही त्यौहार हैं भाई दूज का त्यौहार. यह त्यौहार दीपावली पर्व के दो दिन बाद मनाया जाता हैं.
इसे पढ़े : Titanic Mystery: टाइटैनिक के पास मिला था रहस्यमयी सिग्नल, जाने क्या थे 26 साल पुरानी वो कहानी…https://bulandhindustan.com/8008/titanic-mystery/
2023 में भाई दूज कब हैBhai Dooj 2023
दीवाली भाई दूज | 14 नवम्बर | 13:10 से लेकर 15:22 तक |
कैसे की जाती हैं भाईदूज की पूजा
- इस दिन बहने जल्दी से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनती हैं. फिर ऐपन बनाकर उससे अपने हाथो के छापे बनाकर उनकी पूजा करती हैं.
- कुछ बहने प्रथानुसार ऐपन से सात बहनों एवम एक भाई की आकृति बनाती हैं, इसके साथ ही एक तरफ सांप, बिच्छु आदि विपत्ति के रूप में बनाती हैं. फिर कथा पढ़ कर मुसल से भाई पर आने वाली विपत्ति को मार कर उसकी रक्षा करते हैं. इस प्रकार अपने भाई की खुशहाली के लिए बहने भगवान से प्रार्थना करती हैं.
- पूजा के बाद बहने अपने भाई को तिलक कर आरती उतारती हैं, इसके बाद ही स्वयं कुछ खाती हैं
भाई दूज क्यों मनाया जाता हैBhai Dooj 2023
यमराज एवम यमुना दोनों भाई बहन सूर्य देव और छाया की संताने हैं. दोनों में बहुत प्रेम था. बहन हमेशा अपने भाई को मिलने बुलाती, लेकिन कार्य की अधिकता के कारण भाई बहन से मिलने नहीं जा पाता. एक दिन यमराज नदी के तट पर गया, वही उसकी मुलाकात अपनी बहन यमुना से हुई. उससे मिलकर बहन बहुत खुश हुई. ख़ुशी में बहन ने अपने भाई का स्वागत किया, उसे मिष्ठान खिलायें. वह दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया का दिन था. तब ही यमी ने कहा कि भाई यमराज आज के बाद प्रति वर्ष आप मुझसे इसी दिन मिलने आओगे. तभी से यह दिन भाईदूज के नाम से जाना जाता हैं.
कहते हैं इस दिन जो भी भाई यमुना नदी का स्नान करता हैं, उसे उस दिन मृत्यु का भागी नहीं बनना पड़ता. इस दिन उसके सारे संकट टल जाते हैं.
भाई दूज महत्व एवम विधि
यह भाई बहन के प्रेम का त्यौहार हैं. इसमें बहन अपने भाई को घर बुलाती हैं, उसे तिलक करती हैं, भोजन करवाती हैं और उसकी मंगल कामना करती हैं. इस दिन भाई बहन यमुना नदी में स्नान कर यमराज की पूजा करते हैं, तो उनका भय समाप्त होता हैं. कहा जाता हैं इस दिन अगर यमुना नदी में स्नान किया हो और अगर सांप भी काट ले, तो कोई असर नहीं होता.
जरुर पढ़े : dhanteras 2023 : जानिए धनतेरस में क्या खरीदने से चमकेगी आपकी किस्मत !https://bulandchhattisgarh.com/12852/dhanteras-2023/