Akshaya Tritiya 2023 : जानिए अक्षय तृतीया से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बाते !
PUBLISHED BY – LISHA DHIGE
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Akshaya Tritiya 2023 : अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस पावन तिथि पर धन की माता माँ लक्ष्मी की पूरी कृपा बरसती है इसी कारण से इस दिन पुरे विधि विधान से अपने देवी देवता के साथ ही माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा भी करते है
हिन्दू धर्म को अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है अक्षय तृतीया के दिन पूजा पाठ के साथ ही सोने से बनी किसी भी चीज की परंपरा है यह मान्यता है कि इस उपाय को करने से पूरे साल सुख-सौभाग्य का साथ बना रहता है और जीवन से जुड़ी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं.
पंचांग के अनुसार इस वर्ष अक्षय तृतीया का पावन पर्व 22 अप्रैल 2023, शुक्रवार को मनाया जाएगा। हिन्दू मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण और भगवान गणेश की भी पूजा कीकरने से लाभ मिलता है.Akshaya Tritiya 2023 इसके साथ ही गंगा स्नान और दान-दक्षिणा का भी महत्त्व है इस दिन पर प्रॉपर्टी से जुड़े कार्य करना, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.
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अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान नारायण की पूजा विशेष करके लाभकारी मानी जाती है. पंचांग के अनुसार कलश पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल 2023 को प्रात:काल 07 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. पूजा करने की कुल अवधि 04 घंटे 31 मिनट तक रहेगी.Akshaya Tritiya 2023 हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सोना या फिर सोने से आभूषण या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना गया है. ऐसे में इसको खरीदने का भी शुभ मुहूर्त होता है. 22 अप्रैल 2023 को सोना खरीदने के लिए सुबह 07:49 का योग शुभ है. वहीं, 23 अप्रैल को सुबह 07:47 का समय शुभ फल प्रदान करेगा.
अक्षय तृतीया की पूजा विधि
- अक्षय तृतीया का पुण्यफल पाने के लिए इस पावन तिथि पर प्रात:काल जल्दी उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें.Akshaya Tritiya 2023 यदि संभव हो तो अक्षय तृतीया के दिन पीले कपड़े पहनें.
- इसके बाद पवित्र स्थान पर ऊनी आसन या फिर कोई साफ कपड़ा बिछाकर स्थान ग्रहण करें.
- इसके बाद एक चौकी पर पूजा करने के लिए भगवान विष्णु की मूर्ति या उनकी तस्वीर को पीला कपड़ा बिछाकर रखें. इसके बाद सबसे पहले उन्हें गंगा जल से स्नान करवाएं.
- इसके बाद उन पर फल-फूल, तुलसी, भोग आदि अर्पित करें. यदि संभव हो तो फूल पीले रंग के चढ़ाएं.
- अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए विष्णु सहस्रनाम का पाठ या फिर उनके मंत्रों का जप करें.
- पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करना और प्रसाद बांटना न भूलें.
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