छत्तीसगढ़

Netra AI App : छात्रों ने तैयार किया नेत्र एआइ ऐप !

शोधकर्ताओं ने रायपुर एम्स को AI AI ऐप भीरायपुर के तीन निजी नेत्र चिकित्सालयों में 500 मरीजों पर इस एप का ट्रायशोल सफल रहा है।

PUBLISHED BY -LISHA DHIGE

Netra AI App ।। IIT भिलाई के छात्रों ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जो कुछ ही सेकंड में आंखों की बीमारियों का पता लगा सकता है और उनकी रिपोर्ट कर सकता है। शोधकर्ताओं ने इसे आई एआई ऐप नाम दिया है। आई एआई ऐप के जरिए मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी आदि आंखों की बीमारियों का 99 प्रतिशत तक सटीक पता लगाया जा सकता है।

PHOTO – @SOCIALMEDIA

IIT Bhilai students have developed a device that can detect and report eye diseases in a matter of seconds. Researchers have named it Eye AI App. Eye AI app can detect eye diseases like cataract, glaucoma, diabetic retinopathy etc up to 99 percent accurate.

रायपुर के तीन निजी नेत्र चिकित्सालयों में 500 मरीजों पर इस एप का ट्रायल सफल रहा है। एप में मरीजों का डाटा भी सेव किया जा सकता है। अब शोधकर्ता इस ऐप को पेटेंट कराने की प्रक्रिया में हैं लेकिन III छात्रों और इस ऐप का परीक्षण करने वाले डॉक्टरों के बीच कुछ विवाद के कारण मामला अटक गया।

Trial of this app has been successful on 500 patients in three private eye clinics of Raipur. Patients’ data can also be saved in the app. Now the researchers are in the process of patenting this app but due to some dispute between the III students and the doctors who tested this app, the matter got stuck.

जांच का खर्च भी पांच से दस रुपए तक

शोधकर्ताओं ने रायपुर एम्स को AI AI ऐप भीरायपुर के तीन निजी नेत्र चिकित्सालयों में 500 मरीजों पर इस एप का ट्रायशोल सफल रहा है। एप में मरीजों का डाटा भी सेव किया जा सकता है। अब शोधकर्ता इस ऐप को पेटेंट कराने की प्रक्रिया में हैं लेकिन III छात्रों और इस ऐप का परीक्षण करने वाले डॉक्टरों के बीच कुछ विवाद के कारण मामला अटक गया।

Researchers have given AI AI app to Raipur AIIMS, the trial of this app has been successful on 500 patients in three private eye clinics of Raipur. Patients’ data can also be saved in the app. Now the researchers are in the process of patenting this app but due to some dispute between the III students and the doctors who tested this app, the matter got stuck.

इस समय एक एप बनाने में करीब 50 हजार रुपये खर्च किए जा रहे हैं। नेत्र विकारों की जांच के लिए आने वाले उपकरण 10 लाख रुपये की लागत से उपलब्ध हैं। नेत्रा एआई एप से मरीजों की जांच बहुत आसान हो गई है, जांच का खर्च भी पांच से दस रुपये आएगा।

ऐसे काम करता है एआइ एप

आईआईटी भिलाई के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर गगन राज गुप्ता के निर्देशन में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र मधुर भट्टर, कंप्यूटर साइंस के छात्र प्रांसुल सक्सेना और हर्षित जाजोधिया ने इस ऐप को विकसित किया है।

The app has been developed by Madhur Bhattar, an electrical engineering student, Prasul Saxena and Harshit Jajodhia, a computer science student, under the direction of Gagan Raj Gupta, associate professor of electrical engineering and computer science, IIT Bhilai.

नेत्रा एआई ऐप को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के साथ विकसित किया गया है। यह ऐप लेंस, फंडस कैमरा के सपोर्ट से ऑपरेट होता है। ऐप में हम नाम, उम्र दर्ज करते हैं कि कौन सा आई टेस्ट करना है। फिर डिवाइस को आंखों के पास लाकर स्क्रीनिंग की जाती है।

Netra AI App is developed with Artificial Intelligence (AI) technology. This app is operated with the support of lens, fundus camera. In the app we enter name, age which eye test to be done. Screening is then done by bringing the device near the eyes.

जैसे ही स्क्रीन की जांच की जाती है, यह उपकरण नेत्र रोग का विश्लेषण करता है। चंद सेकेंड में रिपोर्ट आ जाती है। साधारण प्रशिक्षण लेने के बाद कोई भी इसका उपयोग कर सकता है।

As the screen is examined, this instrument analyzes the eye disease. The report comes in a few seconds. Anyone can use it after taking simple training.

नेत्रा एआई ऐप आंखों की बीमारियों की सटीक जानकारी देता है। इससे इलाज में काफी आसानी होगी। फिलहाल इसे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए तैयार किया गया है। अन्य नेत्र रोगों को इसके दायरे में लाने के लिए शोध जारी है।

Netra AI App gives accurate information about eye diseases. This will make treatment much easier. At present it has been prepared for cataract, glaucoma, diabetic retinopathy. Research is ongoing to bring other eye diseases under its purview.

Buland Chhattisgarh

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