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मध्य प्रदेश मे बारिश ने फ़िर दिखाया कहर

PUBLISHED BY : Vanshika Pandey

खरगोन में नर्मदा नदी पर बने महेश्वर बांध का गेट गिरने की आशंका जताई जा रही है. इससे दो दर्जन गांव प्रभावित होंगे। मध्य प्रदेश में शुक्रवार से एक बार फिर बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा. ऐसे में बांध को लेकर खतरा बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि नई व्यवस्था से इंदौर-उज्जैन संभाग समेत अन्य जगहों पर बूंदाबांदी होगी। जबकि भोपाल-नर्मदापुरम में भारी बारिश होगी। यह सिस्टम 31 अगस्त तक सक्रिय रहेगा। मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि नए सिस्टम से भारी बारिश की संभावना नहीं है।

प्रदेश में 22-23 अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश का असर अब भी कई जिलों में देखने को मिल रहा है. 26 साल बाद मुरैना में चंबल का उग्र रूप देखने को मिला है. लोग घरों की छतों और पहाड़ियों में फंसे हुए हैं। बाढ़ से अब तक भिंड, मुरैना और श्योपुर के 60 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं. 9 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

पूर्वी मध्य प्रदेश से बारिश की नई प्रणाली सक्रिय होगी

मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश सिंह के मुताबिक- पूर्वी मध्य प्रदेश से बारिश की नई प्रणाली सक्रिय होगी। 26 अगस्त को पूर्वी मध्य प्रदेश और उसके बाद अन्य हिस्सों में बारिश होगी। 27 अगस्त को भोपाल, नर्मदापुरम संभाग में भारी बारिश की संभावना है. हालांकि लगातार बारिश हो रही है। गुरुवार को कुछ देर बारिश हुई। बुधवार की रात भोपाल में करीब आधे घंटे तक तेज बारिश हुई।

बाढ़ से कई जिले प्रभावित

राज्य में 19 अगस्त से 22 अगस्त के बीच एक मजबूत मानसून प्रणाली बनी। जिसने पूरे राज्य को तबाह कर दिया था। भोपाल जिले के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. विदिशा, रायसेन, गुना, राजगढ़, सागर, भिंड, सीहोर, नर्मदापुरम, जबलपुर, शाजापुर, देवास, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा आदि भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बारिश थमने के बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कई जिलों का दौरा कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. हालांकि बेतवा, चंबल, पार्वती समेत अन्य नदियां उफान पर हैं। राजगढ़ में बाढ़ में 40 गाय बह गईं।

Buland Chhattisgarh

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