नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार को राजस्थान के सवाई माधोपुर में ‘कवच’ तकनीक से लैस ट्रेन में यात्रा करेंगे। यह यात्रा ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (कवच) की दक्षता को परखने के लिए की जा रही है।
इस परीक्षण में रेल मंत्री के साथ मीडिया के कुछ सदस्य भी रहेंगे। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, मंत्री वैष्णव शाम 4 बजे सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से ‘कवच’ प्रणाली से सुसज्जित ट्रेन के इंजन में सवार होंगे और इंदरगढ़ रेलवे स्टेशन तक 45 मिनट की यात्रा करेंगे।
कैसे काम करती है ‘कवच’ तकनीक?
कवच प्रणाली, जिसे ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (ATP) भी कहा जाता है, को रेलवे अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) ने विकसित किया है। यह प्रणाली ट्रेन के चालक की असावधानी या आपातकालीन स्थिति में स्वतः ब्रेक लगाने की क्षमता रखती है, जिससे ट्रेन दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इस परीक्षण के दौरान, यह देखा जाएगा कि क्या बिना चालक की मदद के ट्रेन लाल सिग्नल पर स्वतः रुकती है।
सुरक्षा के लिए बड़ी पहल
रेल मंत्रालय इस तकनीक पर पिछले आठ वर्षों से काम कर रहा है, और इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे रेल नेटवर्क में लागू करने की योजना है। रेल मंत्री ने हाल ही में बताया कि मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर कवच प्रणाली को चालू करने का काम चल रहा है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। कवच 4.0 प्रणाली 17 जुलाई, 2024 को RDSO से मंजूरी प्राप्त कर चुकी है, और यह भारत के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में प्रभावी रूप से काम करेगी, जैसे कि पहाड़, जंगल, तटीय और रेगिस्तानी क्षेत्र।
अब तक की प्रगति
रेल मंत्रालय के मुताबिक, ‘कवच’ प्रणाली का पहला परीक्षण 2016 में किया गया था। वर्तमान में यह दक्षिण मध्य रेलवे के 1465 किलोमीटर लंबे रूट और 139 इंजनों पर सफलतापूर्वक लागू हो चुकी है। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस तकनीक की तैनाती से रेल दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यात्रियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
इस प्रकार, ‘कवच’ प्रणाली भारतीय रेलवे के सुरक्षा मानकों को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।