देश के स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 127वीं जयंती है। पूरा देश इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाता है। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जय हिंद जैसे अनेक नारों से देश के स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा का संचार करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। नेताजी का जीवन और देश के लिए उनका बलिदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। इसलिए आज देश इस महान स्वतंत्रता सेनानी की याद में उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है।
‘उच्च विचारों से हमेशा कमजोरी दूर होती है’. नेताजी के ऐसे विचार लोक जन के दिलों में बस गए और आज भी ये विचार युवाओं के लिए प्रेरणादायक हैं.
असफलताओं से निराश न होने पर एक दिन सफलता जरूर मिलती है. सुभाष चंद्र बोस ने कहा था- ‘सफलता का दिन दूर हो सकता हैं, लेकिन उसका आना अनिवार्य ही है.’ ऐसे में लोगों को हमेशा सफलता के लिए कोशिश करनी चाहिए.
Subhash Chandra Bose Jayanti
‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा.’ नेता जी सुभाष चंद्र बोस के ऐसे जोशीले विचारों ने स्वतंत्रता आन्दोलन की रफ्तार को तेज करने में आग में घी डालने का काम किया. उनके इस नारे ने भारतीय लोगों में आजादी के लिए जोश भर दिया.
देश को एकजुट करने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमेशा प्रयासरत रहे. उन्होंने अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करने को लेकर कहा था-‘सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.’
नेताजी जिस काम को करने की ठान लेते थे, उसे किसी भी कीमत पर करते थे. किसी भी चीज को हासिल करने के लिए उसे पाने की सनक पर नेता जी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा था- ‘जिस व्यक्ति के अंदर ‘सनक’ नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता.’
सुभाषचंद्र बोस के विचारों से देश के करोड़ों लोग हमेशा प्रेरित हुए हैं. जीवन में सफलता और असफलताओं पर बात करते हुए एक बार उन्होंने कहा था- ‘सफलता, हमेशा असफलता के स्तम्भ पर खड़ी होती है.’