भगवान सूर्य के रथ में लगे जिन सात घोड़ों का वर्णन शास्त्रों में मिलता है

शास्त्रों के अनुसार, सूर्य (सूर्य देव के मंत्र) के ये सात घोड़े सप्ताह के सातों दिनों को दर्शाते हैं।

उनके नाम हैं- गायत्री, भ्राति, उस्निक, जगति, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति

इसके अलावा, सात घोड़ों का संबंध सात रंगों से सजे इन्द्रधनुष से भी है।

सूर्य की किरणों में 7 तरह की रौशनी पाई जाती है और उन्हीं सातों रौशनी के शुभ प्रभाव को दर्शाते हैं ये सात घोड़े

शास्त्रों में इन घोड़ों का विवरण बेहद सुंदर रूप में बताया गया है

 सूर्य देव के 7 घोड़े विशाल और मजबूत हैं। इन घोड़ों की लगाम अरुण देव के हाथों में है और वही सूर्य देव का रथ चलाते हैं।

सूर्य देव के 7 घोड़े जीवन की सात सीख सिखाते हैं

वास्तु में इन्हें तरक्की का सूचक माना जाता है।

मान्यता है कि घर में सूर्य देव के सात घोड़ों के साथ वाली तस्वीर लगाने से रुका हुआ काम बनने लग जाता है

व्यक्ति में साहस, समझदारी-धैर्य, बुद्धि, आध्यात्म, प्रेम-आनंद, ज्ञान, पवित्रता आदि गुणों का संचार होता है

व्यक्ति जीवन में हर क्षेत्र में सफलता पाता है।