एकादशी हर 15 दिन में एक बार आती है

यह वह समय होता है जब शरीर एक विशेष चक्र से गुजरता है

इस समय शरीर को भोजन की कोई खास जरूरत नहीं रहती या यूं कहें कि बाकी दिनों की अपेक्षा सबसे कम होती है

यह व्रत पापों को समाप्त करता है

संतान की उन्नति के लिये, पापों के नाश के लिए व जीवन में भक्ति मार्ग पर चलने के लिए यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण है

एकादशी धर्म के मार्ग में आने वाली समस्त बाधाओं को समाप्त करता है

इस दिन श्री विष्णुसहस्रनाम के पाठ का बहुत महत्व है।

इस दिन व्रत करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है

एकादशी व्रत की शुरुआत सूर्योदय से होती है और इसके अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को समाप्त होता है

मान्यता है कि जो साधक एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करते हैं, उनके सभी दुखों का अंत होता है