spiritual

MahaShivrati 2026 : जानिए हर साल क्यों बढ़ रहा है इस रहस्य्मयी शिवलिंग का आकार ?

छोटा सा शिवलिंग सबसे बड़े शिवलिंग का रूप ले चुका है। अब इसे भक्तों की आस्था कहें या भगवान का चमत्कार, तब से अब तक शिवलिंग का विकास जारी है।

PUBLISHED BY – LISHA DHIGE

भगवान शिव के मंदिर तो अपने हर जगह पर देखें होंगे। बहुत से ऐसे मंदिर भी आपने देखें होंगे जिसे बेहद प्राचीन बताया जाता है. कई जगह स्थित शिवलिंग को तो दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी बताया जाता है. लेकिन इन सभी दावों में आखिर कितनी सच्चाई है, ये सच भी है या नहीं। तो चलिए आज हम आपको बताते है ऐसे ही दावे को अपने साथ लिए छत्तीसगढ़ के एक अनोखे शिवलिंग के बारे में जहा दावा किया जाता है की ये पूरे भारत का सबसे बड़ा शिवलिंग है…….

छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर से मात्र 91 किमी. गरियाबंद जिले के एक छोटे से गांव मरौदा के घने जंगलों के बीच स्थित भूतेश्वर नाथ के नाम से विख्यात यह प्राकृतिक शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा, प्राकृतिक (स्वभू) शिवलिंग है।

‘जिसके बारे में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होने का दावा किया गया है.”MahaShivrati 2026

MahaShivrati 2026
MahaShivrati 2026

भूतेश्वर नाथ महादेव के नाम से प्रसिद्ध प्रकृति प्रदत्त इस शिवलिंग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका आकार हर साल बढ़ता जा रहा है। जो अपने आप में सिद्ध करता हैMahaShivrati 2026 कि स्वयं भगवान शिव इस पवित्र भूमि पर शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।

शिवलिंग की यह विशेषता भक्तों के लिए चमत्कार है, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए यह शोध का विषय है। इस प्राकृतिक शिवलिंग की ऊंचाई करीब 18 फीट और चौड़ाई (गोलाई) 20 फीट है। हर साल इस शिवलिंग की जांच सरकारी विभाग द्वारा की जाती है। उनके अनुसार शिवलिंग हर साल 6 से 8 इंच बढ़ रहा है।

इसे पढ़े : Shivaji Maharaj : दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज की श्रद्धांजलि पर, मराठा समाज रायपुर ने किया उन्हें नमन !!https://bulandhindustan.com/7933/shivaji-maharaj/

भूतेश्वर नाथ महादेव का इतिहास

MahaShivrati 2026
MahaShivrati 2026

भूतेश्वर महादेव शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग है, क्योंकि आज भी इस शिवलिंग की उत्पत्ति और स्थापना के बारे में कोई सटीक तर्क नहीं है। लेकिन जानकारों और पूर्वजों के अनुसार कहा जाता है कि इस मंदिर की खोज करीब 30 साल पहले की गई थी। जब चारों ओर घने जंगल थे।

इन्हीं घने जंगलों के बीच स्थित एक छोटे से टीले से आसपास के गांवों के लोगों को बैल के दहाड़ने की आवाज सुनाई दी। लेकिन जब ग्रामीणों ने टीले का दौरा किया तो वहां न तो कोई बैल था और न ही कोई अन्य जानवर। ऐसी स्थिति देखकर धीरे-धीरे गांव वालों की आस्था उस टीले के प्रति बढ़ती गई और वे उसे शिव का रूप मानकर उसकी पूजा करने लगे।

तब से वह छोटा सा शिवलिंग सबसे बड़े शिवलिंग का रूप ले चुका है। अब इसे भक्तों की आस्था कहें या भगवान का चमत्कार, तब से अब तक शिवलिंग का विकास जारी है।MahaShivrati 2026सावन के महीने में आपको यहां खासतौर पर भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी। बाबा के दर्शन व दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

कावडिय़ों के लिए यहां खास इंतजाम किए गए हैं, साथ ही शिवरात्रि पर यहां तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। भूतेश्वर नाथ पंच भूतों के स्वामी हैं और भक्त महाशिवरात्रि पर यहां पहुंचने के लिए खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं।

भर्कुरा महादेव

भूतेश्वर नाथ महादेव को भकुर्रा महादेव के नाम से भी जाना जाता है। छत्तीसगढ़ की भाषा में चिल्लाने की आवाज को भकुर्रा कहते हैं। इसलिए भूतेश्वर महादेव को भकुर्रा महादेव के नाम से भी पुकारा जाता है।

MahaShivrati 2026
MahaShivrati 2026

भूतेश्वर नाथ महादेव के पीछे भगवान शिव की मूर्ति स्थित है,MahaShivrati 2026जिसमें भगवान शिव माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिक, नंदी के साथ विराजमान हैं। इस शिवलिंग में थोड़ी सी दरार भी है, इसलिए इसकी अर्धनारीश्वर के रूप में पूजा की जाती है। इस शिवलिंग का बढ़ता आकार आज भी शोध का विषय है।

जरूर पढ़े : Bhai Dooj 2023 : जानें भाई दूज का शुभ मुहूर्त,शुभ समय !https://bulandchhattisgarh.com/12857/bhai-dooj-2023/

Vanshika Pandey

Show More

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker